THE BEST SIDE OF BEST HINDI STORY

The best Side of best hindi story

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Instead of throwing them about the junkyard we need to find out how we can easily fix, reuse and recycle our items in order to decrease …

सब को डरा कर वाह अपने को गली का सेट समझने लगा था। उसके झुंड में एक छोटा सा शेरू नाम का डॉगी भी था।

धीरे धीरे रूपा और पीपल के पेड़ की दोस्त बढ़ने लगी। जब राजा को इसकी भनक लगी तो वह विचलित हो उठा। रूपा किसी खतरे में न पड़ जाये यह सोच कर उसने जंगल के सभी पेड़ कटवाने का निर्णय ले लिया। राजा के आदेश से सैनिक जंगल में पेड़ काटने पहुंचे पर वह जैसे ही पीपल के पेड़ की टहनियां काटते, पेड़ से नयी टहनियां ऊग आती। सैनिक घबरा गए। तब पीपल के पेड़ ने गरज कर कहा की सालों से वह और उसके साथी इंसानों को सांस लेने के लिए हवा देते आ रहे हैं , और आज यह लोग उन्हें ही ख़त्म करने चले हैं। अगर पेड़ नहीं रहे, तो इंसान भी नहीं बचेंगे। यह पता चलने पर राजा को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने अपना निर्णय वापस लिया और रूपा और पीपल के पेड़ की दोस्ती की फ़िक्र छोड़ दी।

यह बच्चों के लिए एक दक्षिण भारतीय लोक कथा है

सिंहराज उसके लिए शिकार करता और भोजन ला कर देता।

इमेज कैप्शन, मंटो की इस कथा संग्रह में टोबा टेक सिंह, काली सलवार और तमाशा जैसी कई कहानियाँ संकलित हैं.

क्या किसी ने सुंदरी को देखा है? – Have you ever viewed Sundari? Hindi – An exciting and interactive match for the very little types whilst honing their reading expertise.

हिरनी गीदड़ के पीछे दौड़ने लगी। गीदड़ अपने प्राण लेकर वहां से रफूचक्कर हो गया।

मोती कभी भी गाय को रोटी खिलाना नहीं भूलता। कभी-कभी स्कूल के लिए देर होती तब भी वह बिना रोटी खिलाए नहीं जाता ।

(एक) “बंदी!” “क्या है? सोने दो।” “मुक्त होना चाहते हो?” “अभी नहीं, निद्रा खुलने पर, चुप रहो।” “फिर अवसर न मिलेगा।” “बड़ा शीत है, कहीं से एक कंबल डालकर कोई शीत से मुक्त करता।” “आँधी की संभावना है। यही अवसर है। आज मेरे बंधन शिथिल जयशंकर प्रसाद

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश

रितेश का कक्षा तीसरी में पढ़ता था। उसके पास तीन click here छोटे प्यारे प्यारे खरगोश थे। रितेश अपने खरगोश को बहुत प्यार करता था। वह स्कूल जाने से पहले पाक से हरे-भरे कोमल घास लाकर अपने खरगोश को खिलाता था। और फिर स्कूल जाता था। स्कूल से आकर भी उसके लिए घास लाता था।

विमला खाना परोस रही थी। कमल बैठा पत्र लिख रहा था। वह सोचता था कि जब इसे समाप्त कर लूँगा, तब उठूँगा। देर ही क्या है, कुछ भी तो और अधिक नहीं लिखना है। बस, यही दो-तीन, हाँ दो ही पंक्तियाँ और लिखने को हैं कि फिर मैं हूँ और भोजन। और विमला मन-ही-मन झुँझला भगवतीप्रसाद वाजपेयी

एक दिन मृगनैनी अपने मां के साथ घूम रही थी, तभी दो गीदड़ आ गए।

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